ओवरडेंचर इम्प्लांट्स: क्या, क्यों और कैसे?
अगर आप दांतों के गिरने के बाद बार-बार ढीले होने वाले डेंचर से परेशान हैं, तो ओवरडेंचर इम्प्लांट्स आपके लिए एक शानदार विकल्प हो सकते हैं। यह एक ऐसा आधुनिक समाधान है जिसमें डेंचर को 2 या 4 इम्प्लांट्स की मदद से स्थिर किया जाता है।
ओवरडेंचर इम्प्लांट्स कैसे काम करते हैं?
डेंटल इम्प्लांट्स को जबड़े की हड्डी में लगाया जाता है और उनके ऊपर एक स्पेशल अटैचमेंट होता है जिस पर डेंचर लॉक होता है। इससे डेंचर टाइट रहता है और खाना खाते समय या बोलते वक्त हिलता नहीं।
फायदे
- बेहतर स्टेबिलिटी और कम हिलने की समस्या
- बोलने और चबाने में आसानी
- हड्डी का क्षय (bone loss) कम होता है
- लॉन्ग टर्म टिकाऊ समाधान
ओवरडेंचर बनाम पारंपरिक डेंचर: तुलना
फीचर | ओवरडेंचर इम्प्लांट्स | पारंपरिक डेंचर |
---|---|---|
स्टेबिलिटी | उच्च | कम |
हड्डी की सुरक्षा | उत्तम | न्यूनतम |
जीवनकाल | 10+ साल | 5–7 साल |
लागत | उच्च (लेकिन टिकाऊ) | कम (अस्थायी समाधान) |
प्रक्रिया कितनी समय लेती है?
आम तौर पर यह 3–4 विज़िट्स में पूरा हो जाता है। पहले इम्प्लांट्स लगाए जाते हैं और हीलिंग के बाद डेंचर फिट किया जाता है।
क्या यह विकल्प आपके लिए सही है?
अगर आपकी हड्डी पर्याप्त है और आप डेंचर से तंग आ चुके हैं, तो ओवरडेंचर इम्प्लांट्स एक आदर्श समाधान हो सकते हैं। जानें कि आपके लिए क्या सही है – यहां अपॉइंटमेंट बुक करें।
शिक्षाप्रद लिंक (Outbound):
- American Academy of Implant Dentistry on Overdentures
- Clinical Research on Implant Retained Overdentures
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